मुख्यमंत्री धामी बोले-उत्तराखंड में नए जिलों की पुनर्गठन पर करेंगे चर्चा

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देहरादून: मुख्यमंत्री ने बुधवार को कहा कि प्रदेश में नए जिलों की मांग लंबे समय से की जा रही है। जल्द ही हम जनप्रतिनिधियों से इस पर चर्चा कर जिलों के पुनर्गठन की दिशा में आगे बढ़ेंगे।भाजपा ने जहां इसका स्वागत किया है वहीं हरीश रावत ने अपने अंदाज में कहा कि अगर सच्चाई है तो बधाई दूंगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में नए जिलों की मांग लंबे समय से हो रही है। जनता और राज्यवासियों की इस मांग को सुना और समझा जाएगा। इसे लेकर हम शीघ्र ही पूरे प्रदेश के अंदर जनप्रतिनिधियों से भी चर्चा करेंगे। इस दौरान जानने की कोशिश की जाएगी कि कहां-कहां नए जिलों का पुनर्गठन हो सकता है। इसकी सच्चाई को जानते हुए सरकार आगे बढ़ेगी।

स्वतंत्रता दिवस पर 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रदेश में यमुनोत्री, कोटद्वार, रानीखेत व डीडीहाट को नए जिले बनाने की घोषणा की थी लेकिन फिर निशंक की सरकार बदलने के बाद भुवन चंद्र खंडूड़ी मुख्यमंत्री बने। नए जिलों के गठन का शासनादेश भी जारी हुआ लेकिन 2012 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर यह मसला लटक गया।

हरीश ने कहा-मुख्यमंत्री को बधाई दूंगा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने साफ कहा कि सरकार ध्यान भटकाने के लिए इन बातों को उछाल रही है। क्या जिले बनाने वाली खबर में कुछ सच्चाई है। केवल इसका शिगूफा छोड़ा जा रहा है। कभी कॉमन सिविल कोड तो भू-कानून की बातें की जा रही हैं। भर्ती गड़बड़ी से सरकार की चूल्हें हिल गई हैं। अगर सरकार सच में जिले बनाना चाहती हैं तो मैं सीएम धामी को बधाई दूंगा और कहूंगा कि हमने पूरा होमवर्क किया हुआ है। ऐसे में आप इसको आगे बढ़ाएंगे तो आप सिकंदर साबित होंगे, लेकिन नये जिलों के साथ ही कमिश्नरी भी बनानी होंगी।

पुनर्गठन की मंशा दूरगामी कदमः मनवीर चौहान

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नये जिलों के पुनर्गठन की मंशा को सकारात्मक और राज्य के विकास में दूरगामी कदम बताया। उन्होंने कहा की इससे राज्य का सर्वांगीण विकास होगा। सीएम ने जिलों के पुनर्गठन के लिए जनप्रतिनिधियों से चर्चा की बात कही है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से लंबे समय से चली आ रही मांग मूर्त रूप लेगी। भाजपा ने 2011 मे भी 4 जिलों के पुनर्गठन का शासनादेश जारी किया था, लेकिन कांग्रेस ने इस बहु प्रतीक्षित मांग को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। एक बार सीएम धामी ने लोगों की वर्षों की मांग को सुनने का मन बनाकर एक बेहतरीन निर्णय लिया है।

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