भारत-अमेरिका के विरोध पर हिंद महासागर से बाहर निकला चीनी जासूसी जहाज

0 0
Read Time:5 Minute, 16 Second

नई दिल्ली: भारत और अमेरिका के विरोध जताने के बावजूद कुछ दिन पहले हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाला चीनी मिसाइल ट्रैकिंग पोत यांग वांग-5 अब इस क्षेत्र से बाहर निकल गया है। लंबी दूरी के निगरानी ड्रोन और समुद्री गश्ती विमान सहित भारतीय नौसेना के जहाज़ों से इस चीनी जासूसी जहाज की लगातार निगरानी की जा रही थी। चीन के दो जासूसी जहाज युआन वांग-6 और युआन वांग-5 तीन माह से हिंद महासागर क्षेत्र में चक्कर लगा रहे थे।

चीन अपने जहाज युआन वांग-6 और युआन वांग-5 को ‘रिसर्च शिप’ कहता है, यानी एक ऐसा नौसैनिक जहाज जिसका काम समुद्र में वैज्ञानिक अनुसंधान करना है। भारत और अमेरिका इन्हें ‘स्पाई शिप’ मानते हैं, यानी एक ऐसा जहाज दो दूसरे देशों की जासूसी करने के लिए तैनात किया जाता है। युआन वांग 5 नाम का चीनी नौसैनिक जहाज 16 अगस्त को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर पहुंचा था। उस समय भारत और अमेरिका ने विरोध जताकर श्रीलंका से चीनी जहाज को अपने यहां ठहरने की इजाजत न देने को कहा था। दरअसल, हंबनटोटा पोर्ट के लिए चीन ने श्रीलंका को 1.5 अरब डॉलर का कर्ज दिया था, जिसे नहीं चुकाने पर चीन ने इस पोर्ट को श्रीलंका से 99 साल की लीज पर लिया है।

यही वजह है कि भारत और अमेरिका के विरोध जताने के बावजूद श्रीलंका चीनी जहाज को हंबनटोटा पोर्ट पर लंगर डालने से नहीं रोक पाया। हंबनटोटा पोर्ट से तमिलनाडु के कन्याकुमारी की दूरी करीब 451 किलोमीटर है। चीन का यह जहाज इतना ताकतवर है कि भारत में करीब 750 किमी. दूर तक आसानी से निगरानी कर सकता है। युआन वांग 5 सैटेलाइट और इंटरकॉन्टिनेंटल मिसाइलों को ट्रैक करने में भी सक्षम है। चीन का ये जासूसी जहाज सेटेलाइट की मदद से भारत की मिसाइल रेंज और न्यूक्लियर प्लांट पर नजर रख सकता है। हिंद महासागर में भारत का एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन (ईईजेड) 200 समुद्री मील तक फैला हुआ है।

नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार ने नौसेना दिवस से एक दिन पहले सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि भारत हिंद महासागर के सभी घटनाक्रमों पर कड़ी नजर रख रहा है, जिसमें चीनी नौसेना के जासूसी जहाजों की आवाजाही भी शामिल है। हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) में बहुत सारे चीनी जहाज काम करते हैं। उन्होंने बताया था कि इस समय चीनी नौसेना के लगभग 4 से 6 जहाज और कुछ शोध पोत हिंद महासागर में हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में मछली पकड़ने के चीनी जहाज हिंद महासागर क्षेत्र में संचालित होते हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में लगभग 60 अन्य अतिरिक्त क्षेत्रीय बल हमेशा मौजूद रहते हैं। हम सभी घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखते हैं।

नौसेना के सूत्रों ने बताया कि लंबी दूरी के निगरानी ड्रोन और समुद्री गश्ती विमान तैनात किये जाने के बाद अपने मिशन में नाकाम रहने के बाद चीनी मिसाइल ट्रैकिंग पोत यांग वांग-5 अब हिंद महासागर से बाहर धकेल दिया गया है। आईओआर में प्रवेश करने के समय से ही भारतीय नौसेना चीनी पोत की निगरानी कर रही थी। ट्रैकिंग और निगरानी उपकरणों से लैस इस जासूसी जहाज ने इस माह की शुरुआत में सुंडा जलडमरूमध्य के माध्यम से हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया था। पिछले माह चीन का एक और जासूसी जहाज युआन वांग-6 हिंद महासागर क्षेत्र में आया था, जिस पर भारतीय नौसेना ने जाल बिछाया था। दरअसल, भारतीय कानून किसी भी विदेशी जहाज को बिना अनुमति के सर्वेक्षण, अनुसंधान या अन्वेषण करने से रोकता है।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %