हिमाचल विधानसभा में धर्म परिवर्तन पर अनुसूचित जाति और अन्य वर्ग को आरक्षण न देने का विधेयक पेश
शिमला: अनुसूचित जाति और अन्य आरक्षित वर्ग के लोग अगर धर्म परिवर्तन करते हैं तो उनको किसी तरह का आरक्षण नहीं मिलेगा। इसके अलावा अगर वे धर्म परिवर्तन की बात छिपाकर आरक्षण की सुविधाएं लेते हैं तो ऐसे में उन्हें तीन से पांच साल तक सजा और 50,000 से एक लाख रुपये तक का जुर्माना होगा। हिमाचल सरकार धार्मिक स्वतंत्रता कानून-2019 को सख्त करने जा रही है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को धर्म की स्वतंत्रता संशोधन विधेयक-2022 सदन में प्रस्तुत किया। विधानसभा में 10 विधेयक पेश किए, जिनमें से एक पारित किया गया। नौ विधेयक शनिवार को पारित होंगे।
संशोधित विधेयक के पारित होने पर हिमाचल में जबरन, कपटपूर्ण तरीके और विवाह के समय जाति छिपाने का खुलासा होने पर सजा का प्रावधान किया है। संशोधित कानून के प्रावधानों के मुताबिक सामूहिक धर्म परिवर्तन जिसमें दो व इससे अधिक लोगों का एक साथ कपटपूर्ण अथवा बलपूर्वक धर्म परिवर्तन करवाने की स्थिति में 7 से 10 साल तक कारावास का प्रावधान होगा। संशोधित कानून के मसौदे के मुताबिक किसी व्यक्ति द्वारा अन्य धर्म में विवाह करने व ऐसे विवाह के समय अपने मूल धर्म को छिपाने की स्थिति में भी तीन से 10 साल तक के कारावास का प्रावधान होगा। कानून में एक से डेढ़ लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया है। धर्म की स्वतंत्रता कानून के प्रावधानों के तहत मिली किसी भी शिकायत की जांच पुलिस उप निरीक्षक से नीचे का अधिकारी नहीं करेगा। सत्र न्यायालय में इसकी सुनवाई होगी।
2013-14 में बढ़े खर्चों के निपटारे के लिए सदन में विनियोग विधेयक पारित
प्रदेश की संचित निधि में से वित्तीय वर्ष 2013-14 मेें कतिपय सेवाओं के लिए उस वक्त के लिए प्राधिकृत राशि से अधिक रकम को व्यय करने के लिए 474.86 करोड़ रुपये की धनराशि को प्राधिकृत किया गया। शुक्रवार को इसके लिए हिमाचल प्रदेश विनियोग विधेयक 2022 को सदन में पारित किया गया।
खुद अपना आयकर चुकाएंगे मंत्री, विधायक, सदन में विधेयक पेश
अब मंत्री और विधायक अब अपना आयकर खुद चुकाएंगे। शुक्रवार को सदन में सीएम ने हिमाचल प्रदेश कतिपय प्रवर्गों के वेतन और भत्तों पर आयकर संदाय विधेयक-2022 पेश किया।
मुख्यमंत्री ने सदन में हिमाचल प्रदेश न्यायालय संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। इसमें सिविल कोर्ट के धन संबंधी अधिकारिता के प्रावधान जोड़े जा रहे हैं। इसमें किसी सिविल न्यायाधीश की डिक्री या आदेश से जिला न्यायाधीश की अपीलीय धन संबंधी अधिकारिता को 30 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने का प्रावधान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सदन में राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन संशोधन विधेयक 2022 पेश किया। इसमें केंद्र सरकार से जीएसटी प्रतिपूर्ति कम होने के चलते अब दो प्रतिशत अतिरिक्त कर्ज लेने की अनुमति देने का प्रावधान जोड़ा जा रहा है।
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने प्रदेश मुजारियत एवं भूमि सुधार अधिनियम की धारा 118 की उपधारा 2 में संशोधन से संबंधित विधेयक पेश किया। इसके तहत खरीदी गई जमीन में निर्माण की अवधि बढ़ाई जाएगी।
भूगर्भ जल संशोधन विधेयक-2022 विधानसभा में पेश किया गया। इसके तहत अब प्रदेश में कुओं को निर्मित व ड्रिल करने से पहले विभाग को सूचित करना होगा।
सदन में नगर निगम द्वितीय संशोधन विधेयक-2022 पेश किया गया। इसके तहत शहरी क्षेत्रों मेें भी परिवार रजिस्टर का अनुरक्षण करने के लिए उपबंध किया गया है, जबकि नगर पालिका संशोधन विधेयक -2022 भी पेश किया गया।
शुक्रवार को प्रदेश में एक बार भवन निर्माण के लिए नक्शा पास करवाने के बाद वह हमेशा के लिए मान्य होगा। इनमें व्यावसायिक भवनों के नक्शे भी शामिल होंगे। शहरी विकास मंत्री ने शुक्रवार को टीसीपी संशोधन विधेयक 2022 की धारा- 34 मेें संशोधन करने का प्रस्ताव सदन में रखा।