विधानसभा सत्र: 2025 का उत्तराखंड होगा खास, मुख्यमंत्री धामी ने बताई वजह

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देहरादून: उत्तराखंड की पांचवीं निर्वाचित विधानसभा का पहला सत्र 29 मार्च को बिना महकमों के मंत्रियों और नेता प्रतिपक्ष की गैरमौजूदगी में शुरू हुआ। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि 2025 का उत्तराखंड बहुत ही अलग होगा। कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है और विकास कार्यों को प्राथमिकता से पूरा किया जाएगा। धामी ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड विकसीत प्रदेशों की श्रेणी में होगा। कहा कि हर जिले का विकास किया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में विशेषतौर से फोकस किया जाएग। उत्तराखंड की पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने सीएम धामी से शिष्टाचार मुलाकात की। बता दें कि राज्य सरकार ने अब तक मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे हैं।

काम चलाने के लिए केवल मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को संसदीय और विधायी कार्य विभाग दिया गया है। उत्तराखंड में बीती 23 मार्च को मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी और अन्य काबीना मंत्रियों ने शपथ ले ली थी। इसके छह दिन बीतने के बाद भी मंत्रियों को विभाग नहीं बांटे जा सके हैं।दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण के चौथे दिन मंत्रियों को विभाग बांट दिए गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मंत्रिमंडल में आठ काबीना मंत्री हैं। मंत्रियों को विभाग तय करने की मशक्कत अभी पूरी नहीं हो पाई है।मंगलवार को सदन में मंत्री बैठेंगे तो सही लेकिन बिना पोर्टफोलिया के।

दूसरी तरफ, सदन के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी अपना विधायक दल नेता तय नहीं कर पाई है। सोमवार दोपहर प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने विधायकों से राय मशविरा तो किया, लेकिन नेता प्रतिपक्ष चुनने का अधिकार सभी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष पर छोड़ दिया है। सरकार की प्राथमिकता ( अभिभाषण) – हिम प्रहरी योजना के तहत राज्य के भूतपूर्व सैनिकों एवं युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकटवर्ती जिलों में बसाया जाएगा। _ पीएम किसान सम्मान निधि योजना की तर्ज पर एक सीएम किसान प्रोत्साहन निधि।

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