रविवार के दिन करें ये उपाय, सूर्य देव की कृपा से दूर होगी जीवन की हर परेशानी

रविवार के दिन रात 11 बजकर 55 मिनट तक पुनर्वसु नक्षत्र रहेगा। आकाशमंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु नक्षत्र को सातवां नक्षत्र माना जाता है’ पुनर्वसु शब्द का अर्थ समझने के लिए सबसे पहले हमें ‘वसु’ शब्द के अर्थ को समझना होगा। ‘वसु’ को उप देवताओं के समान माना जाता है और ‘वसु’ अपने आप में शुभता, उदारता, धन और सौभाग्य के स्वामी हैं। पुनर्वसु नक्षत्र का अर्थ है- पुन: सौभाग्यशाली होना। वहीं रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करना अत्यंत फलदायी माना जाता है। तो आइए आचार्य इंदु प्रकाश से जानते हैं कि रविवार और पुनर्वसु नक्षत्र के संयोम कौनसे विशेष उपाय करने चाहिए।
रविवार के दिन करें ये आसान उपाय: – अगर आप किसी नए काम की शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए पुनर्वसु नक्षत्र में ऑफिस या दुकान के मुख्य द्वार के ऊपर बांस के छः-छः इंच के दो टुकड़े लगाएं और ध्यान रहे कि उसके दोनों सिरे खुले हुए होने चाहिए। अगर बांस न मिले तो बांस से बनी बांसुरी को उपयोग में ला सकते हैं और उनके साथ एक मोर का पंख भी लगा दें। – अगर आपकी तमाम कोशिशों के बाद भी आपको कार्यक्षेत्र में मनचाही सफलता नहीं मिल पा रही है, तो रविवार के दिन स्नान आदि के बाद मंदिर जाकर भगवान को पुष्प अर्पित कर हाथ जोड़कर प्रणाम करें और फिर भगवान से मनचाही सफलता पाने के लिए प्रार्थना करें।
आपके घर में धन-दौलत तो बहुत है, लेकिन परिवार के सदस्यों के बीच सामंजस्य नहीं है तो इसके लिए पुनर्वसु नक्षत्र में दो बांसुरी लेकर उसे अपने घर की बीम के दोनों तरफ लाल कपड़े के फिते से बांध दें और ध्यान रहे कि बांसुरी का मुंह आपके घर के मुख्य दरवाजे की ओर रहे। – अगर आप अपने जीवनसाथी के साथ रिश्तों को मधुर बनाना चाहते हैं, तो रविवार के दिन सफेद चंदन की लड़की को पत्थर पर घिसकर उसमें थोड़ा-सा केसर मिलाकर लेप बना लें और मंदिर जाकर या घर पर ही भगवान के तस्वीर को उस लेप से तिलक लगाएं। इसके बाद बचे हुए लेप से अपने जीवनसाथी के और अपने मस्तक पर भी तिलक लगाएं।
अगर आप अपने बच्चों में कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाना चाहते हैं, तो रविवार के दिन आपको अपने बच्चों के हाथ से मंदिर में गुड़ का दान करवाना चाहिए और इस मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- ऊँ घृणिः सूर्याय नमः। मंत्र जप के समय अगर आपके बच्चे भी साथ में हों, तो और भी अच्छा है। – अगर आपके मनपसंद विवाह में कोई समस्या आ रही है या फिर आपकी कन्या के विवाह से संबंधित कोई परेशानी है तो पुनर्वसु नक्षत्र में श्री विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के आगे आसन पर बैठकर ‘ऊं लक्ष्मी नारायणाय नमः’ मंत्र का एक माला जप करें और अगर संभव हो तो स्फटिक की माला से जप करें। जप के बाद भगवान को भूने हुए आटे में पिसी हुई शक्कर का भोग लगाएं।