महाकुंभ में अमृत स्नान के दूसरे दिन करें इन शिव मंत्रों का जाप, कालसर्प दोष और भय से मिलेगी मुक्ति

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महाकुंभ नगर: का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को है। इस दिन प्रयागराज के घाटों पर बड़ी संख्या में भक्तों के आने की उम्मीद है। इसके साथ ही गंगा स्नान के साथ लोग कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान भी इस दिन करेंगे। महाकुंभ के दौरान भगवान शिव की पूजा और उनके मंत्रों का जप करने से भी कई तरह के लाभ भक्तों को प्राप्त होते हैं। अगर आप संगम में डुबकी लगने वाले हैं तो आपको इस दिन कुछ शिव मंत्रों का जप करने से विशेष फलों की प्राप्ति हो सकती है। कालसर्प दोष के साथ ही रोग और भय से भी आप मुक्त होते हैं। आइए जान लेते हैं इन मंत्रों के बारे में।

भगवान शिव के मंत्र महाकुंभ का दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को है। इस दिन अमावस्या है और अमावस्या तिथि के दिन शिव पूजन को बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन जो लोग महाकुंभ में डुबकी लगाने वाले हैं, उन्हें भी और जो नहीं लगा पा रहे हैं वो भी कुछ मंत्रों का जप करके भगवान शिव का आशीर्वाद पा सकते हैं। इन मंत्रों का जप कालसर्प दोष को भी दूर करता है। ॐ नमः शिवाय॥ ॐ नागदेवताय नमः॥ ॐ पषुप्ताय नमः॥ ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नम:॥

ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्॥ ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ आप मौनी अमावस्या और महाकुंभ के संयोग वाले दिन, यानि 29 जनवरी को इन मंत्रों का जप कर सकते हैं। इनमें से किसी एक मंत्र का जप भी अगर आप करते हैं तो शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। वहीं सभी मंत्रों का बारी-बारी जप भी आप कर सकते हैं।

ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्॥ ॐ महादेवाय विद्महे रुद्रमूर्तये धीमहि तन्नः शिवः प्रचोदयात्॥ ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥ आप मौनी अमावस्या और महाकुंभ के संयोग वाले दिन, यानि 29 जनवरी को इन मंत्रों का जप कर सकते हैं। इनमें से किसी एक मंत्र का जप भी अगर आप करते हैं तो शुभ फलों की प्राप्ति आपको होती है। वहीं सभी मंत्रों का बारी-बारी जप भी आप कर सकते हैं।

महाकुंभ के अमृत स्नान के दिन इन मंत्रों का जप करने से आपको रोग और भय से मुक्ति मिलती है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है वो भी इस दोष से मुक्ति पा सकते हैं। इन मंत्रों का जप आपको जीवन के हर क्षेत्र में उन्नति के मार्ग पर ले जा सकता है। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि, मंत्र का जप 11 या 108 बार करें। डुबकी लगाते समय हाथ जोड़कर भगवान शिव का ध्यान करते हुए आप इन मंत्रों का जप कर सकते हैं। वहीं जो लोग महाकुंभ में शामिल नहीं हो पा रहे हैं उन्हें घर के पूजा स्थल के पास बैठकर इन मंत्रों का जप करना चाहिए।

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