जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने की सचिव स्वास्थ्य डॉ आर राजेश कुमार से मुलाकात

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देहरादून: गर्भवती बहनें टीन शेड के नीचे घंटों इंतजार करती हैं अपनी बारी का। अत्यधिक मरीजों के दबाव के चलते चिकित्सक भी कराह रहे। विकासनगर-उपजिला चिकित्सालय, विकासनगर में तपती धूप में टीन शेड के नीचे अपनी बारी का इंतजार करती गर्भवती बहनें व अन्य मरीजों की परेशानियां तथा चिकित्सकों पर पड रहे अत्याधिक बोझ एवं अस्पताल को अत्याधुनिक सुख-सुविधाओं से लैस किए जाने को लेकर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य कल्याण डॉ. आर राजेश कुमार से मुलाकात कर अस्पताल के हालात पर चर्चा कर ज्ञापन सौंपा। डॉ. आर राजेश कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी, देहरादून को पत्रावली प्रस्तुत करने की निर्देश दिए।

नेगी ने कहा कि अस्पताल का हाल देखकर मालूम पड़ता है कि सरकार को मरीजों एवं चिकित्सकों की सुख सुविधाओं से कोई लेना-देना नहीं है। क्षेत्र का अकेला उपजिला चिकित्सालय पूरे विकास नगर-हरबर्टपुर क्षेत्र, जौनसार, उत्तरकाशी जनपद के कुछ हिस्सों एवं उत्तराखंड की सीमा से लगे हिमाचल के कुछ गांव इस अस्पताल पर ही निर्भर हैं। जिस कारण रोजाना 500-600 ओपीडी के मरीज एवं पुराने मरीजों का चेकअप करना मरीजों एवं चिकित्सकों दोनों पर भारी पड़ रहा है।

हैरानी की बात यह है कि एक दिन में लगभग 100-125 मरीजों का अल्ट्रासाउंड करना चिकित्सा के लिए बहुत टेढ़ी खीर है तथा इसके साथ-साथ प्रसूति रोग विशेषज्ञ चिकित्सक को भी लगभग 100-125 गर्भवती महिलाओं को देखना होता है तथा इसी प्रकार अन्य चिकित्सकों की भी यही हालत है,जोकि किसी भी सूरत में तर्कसंगत नहीं हैद्य मरीजों की संख्या को देखते हुए चिकित्सालय को सुख- सुविधाओं से लैस किए जाने की तत्काल आवश्यकता है। मोर्चा को भरोसा है कि शीघ्र ही मरीजों एवं चिकित्सकों को राहत मिलेगी।

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