GST परिषद की 50वीं बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने किया
देहरादून: जीएसटी परिषद की 50वीं बैठक केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आयोजित की गयी। बैठक में उत्तराखण्ड राज्य का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री डॉ प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा किया गया। बैठक में विभिन्न विषयों यथा विधि समिति द्वारा संस्तुत विषयों तथा फिटमेंट समिति द्वारा संस्तुत विषयों पर विस्तृत चर्चा की गयी। बैठक में राज्य द्वारा वर्ष 2022-23 के लिए रु 2 करोड़ तक के वार्षिक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने में छूट दिए जाने, जीएसटीआर 3 बी तथा जीएसटीआर 2। में अंतर होने पर आईटीसी दिए जाने की सुविधा वर्ष 2017-18 तथा वर्ष 2018-19 की भांति एक निश्चित सीमा के अधीन दिनांक 01 अप्रैल, 2019 से दिनांक 31 दिसम्बर, 2021 तक के लिए जारी रखने तथा जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन से सम्बंधित कार्यवाही प्रारम्भ किये जाने के परिप्रेक्ष्य में ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति तथा सेवा की शर्तों से सम्बंधित नियमों पर सहमति व्यक्त की गयी।
बैठक में फिटमेंट समिति द्वारा की गई संस्तुतियों के अंतर्गत कर दरों के संबंध में स्पष्टीकरण जारी किए जाने तथा कतिपय विसंगतियों को दूर किये जाने पर विचार विमर्श किया गया, जिसका राज्य द्वारा समर्थन किया गया। वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा जीएसटी सम्बन्धी विवादों के निपटारे के लिए जीएसटी ट्रिब्यूनल के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए माननीय वित्त मंत्री महोदया, भारत सरकार का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया तथा जीएसटी परिषद को यह अवगत कराया गया कि राज्य में जीएसटी ट्रिब्यूनल की राज्य पीठ का गठन देहरादून में प्रस्तावित किया गया है।
केन्द्रीय उत्पाद शुल्क में छूट प्राप्त करने वाली इकाइयों को राज्य सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति करने सम्बन्धी मामले में माननीय वित्त मंत्री महोदय द्वारा यह अवगत कराया गया कि अवशेष 42 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा किये जाने की दशा में राज्य पर रू 2376 करोड़ का अतिरिक्त वित्तीय भार पड़ेगा तथा राज्य द्वारा ऐसी धनराशि की प्रतिपूर्ति करनी होगी, जो राज्य के राजकोष में प्राप्त ही नही हुई है। इस परिप्रेक्ष्य में उनके द्वारा उक्त प्रतिपूर्ति राज्य स्तर से सम्भव नहीं हो पाने के विषय में अवगत कराया गया। बैठक में दिलीप जावलकर सचिव वित्त तथा डा. अहमद इकबाल आयुक्त राज्य कर सहित अन्य विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।