बांध टूटने के बाद यूक्रेनी शहर ओलेस्की में मदद पहुंचने की रफ्तार धीमी, हजारों लोग बिजली, पेयजल, भोजन से वंचित

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कीव: बांध टूटने के बाद बाढ़ में घिरे रूस के कब्जे वाले यूक्रेनी शहर ओलेस्की में मदद पहुंचने की रफ्तार बहुत धीमी है। हजारों लोग बिजली, पेयजल, भोजन से वंचित हैं और मदद का इंतजार कर रहे हैं। युद्ध की शुरुआत से पहले नीपर नदी के पार ओलेस्की शहर में 24,000 लोग रहते थे। यूक्रेन के बचावकर्मियों का दावा है कि रूसी सेना उनकी नावों पर कब्जा कर रही है। वहीं, फंसे हुए कुछ नागरिकों का कहना है कि सैनिक केवल रूसी पासपोर्ट वाले लोगों की मदद करेंगे। मदद में जुटे यारोस्लाव वासिलीव ने कहा, ‘‘रूसी सैनिक सुरक्षा चौकियों पर खड़े हैं, (बचाव दल को) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में जाने से रोक रहे हैं और नावों को अपने कब्जे में ले रहे हैं।

 वे सभी को शक की नजर से देखते हैं।’’ माना जा रहा है कि हजारों लोग खेरसॉन क्षेत्र के 600 वर्ग किलोमीटर में फैले बाढ़ के पानी में फंस गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ वाले लगभग दो-तिहाई क्षेत्र रूस के कब्जे वाले इलाकों में हैं। प्रभावित क्षेत्रों में फंसे लोग बिजली, पानी, भोजन से वंचित हैं। लोगों का कहना है कि मदद पहुंचने की रफ्तार बहुत धीमी है। एक महिला ने फोन पर कहा, ‘‘हमें आशंका है हमारी मौत के बारे में भी किसी को पता नहीं चलेगा। हमारे तरफ हर चीज डूबी हुई है।’’ 

विक्टोरिया मिरोनोवा-बाका ने कहा कि वह जर्मनी से बाढ़ क्षेत्र में फंसे अपने रिश्तेदारों के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे रिश्तेदारों ने बताया कि रूसी सैनिक आज नाव से आए लेकिन उन्होंने कहा कि वे केवल रूसी पासपोर्ट वाले लोगों को ही ले जाएंगे।’’ रूस के कब्जे वाले यूक्रेन क्षेत्र में हालात को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं है। नौकाओं को जब्त किए जाने और केवल रूसी नागरिकों के बचाने के संबंध में स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो पाई है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने क्षति का आकलन करने के लिए बृहस्पतिवार को क्षेत्र का दौरा किया।

 रूसी राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दमित्री पेस्कोव ने पत्रकारों से कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की इस समय मॉस्को के कब्जे वाले प्रभावित इलाकों का दौरा करने की कोई योजना नहीं है। रूस द्वारा पिछले साल की शुरुआत में यूक्रेन पर हमला करने के बाद से इस क्षेत्र को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। इन क्षेत्रों में कई बार लगातार तोपखाने और मिसाइल से हमले किए गए। नवीनतम आपदा मंगलवार को शुरू हुई, जब ओलेस्की से लगभग 80 किलोमीटर ऊपर की ओर कखोवका पनबिजली बांध ढहने से नीपर नदी से पानी का तेज बहाव शुरू हो गया।

 अधिकारियों का कहना है कि नदी के दोनों किनारों पर दर्जनों जलमग्न शहरों, कस्बों और गांवों से 6,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ में कम से कम 14 लोग मारे गए हैं, कई बेघर हैं, और हजारों लोग पेयजल से वंचित हैं। अधिकारियों के मुताबिक बाढ़ ने फसलों को बर्बाद कर दिया, बिछाई गई बारूदी सुरंगे भी हर तरफ फैल गई है। 

पर्यावरण को भी गहरा नुकसान हुआ है और लंबे समय तक बिजली की आपूर्ति पर असर पड़ेगा। यूक्रेन का कहना है कि रूस ने विस्फोटकों से बांध को नष्ट कर दिया। जबकि, रूस ने यूक्रेन पर मिसाइल हमले से उसे क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया है। इस बीच, ओलेस्की के महापौर येवहेन रिस्चुक ने कहा कि बृहस्पतिवार दोपहर तक जल स्तर घटना शुरू हो गया गया लेकिन शहर का 90 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न है। रूस ने कहा है कि वह क्षेत्र के लोगों की मदद कर रहा है। रूस द्वारा नियुक्त क्षेत्रीय गवर्नर व्लादिमीर साल्दो ने दावा किया कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों से 4000 से ज्यादा लोगों को निकाला गया है। 

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