चौहत्तर लाख से अधिक क्यूआर कोड-आधारित कागज के टिकट बेचे गये: डीएमआरसी 

0 0
Read Time:3 Minute, 59 Second

नई दिल्ली:  दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का कहना है कि लगभग एक महीने में 74 लाख से ज्यादा क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट बेचे गये हैं तथा इस अवधि में टोकन की बिक्री 30 प्रतिशत से ज्यादा गिर गई है। डीएमआरसी ने आठ मई को क्यूआर कोड-आधारित कागज के टिकट की व्यवस्था शुरू की थी। डीएमआरसी के अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली मेट्रो की योजना धीरे-धीरे टोकन की अवधारणा को समाप्त करने की है। 

उन्होंने कहा कि भविष्य की कोई भी योजना डिजिटल तकनीक की बाधाओं को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी और इस बात को भी ध्यान में रखा जाएगा कि सभी यात्री स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं करते हैं। डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “30 मई तक क्यूआर कोड आधारित कुल 74,00,854 टिकटों की बिक्री की गई है।” 

मेट्रो को उम्मीद है कि इस सेवा के शुरू होने के बाद यात्री टोकन टिकट का इस्तेमाल करना धीरे-धीरे कम कर देंगे। हालांकि कई यात्रियों ने शिकायत की है कि क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकटों का इस्तेमाल करने के दौरान उन्हें ‘ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन’ (एएफसी) द्वारों पर तकनीकी परेशानियों का सामना करना पड़ा है। डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अब एएफसी द्वारों पर ‘कोई तकनीकी खामी’ नहीं है। उन्होंने बताया, “पूरे नेटवर्क में लगभग 50 प्रतिशत एएफसी द्वार को क्यूआर कोड के अनुरूप कर दिया गया है। क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट की शुरुआत के बाद से टोकन की बिक्री में लगभग 32 प्रतिशत की गिरावट आई है।” 

फिलहाल, मेट्रो स्टेशन काउंटर से यात्री टोकन के अलावा क्यूआर कोड आधारित टिकट खरीद सकते हैं। डीएमआरसी निर्बाध यात्रा सुनिश्चित करने के लिए स्मार्ट कार्ड भी जारी करता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने आठ मई को बताया था कि डीएमआरसी ने एएफसी द्वार और ग्राहक सेवा काउंटर का अद्यतन किया है ताकि वे क्यूआर कोड आधारित व्यवस्था के अनुरूप हो सकें। 

अधिकारियों ने बताया कि डीएमआरसी की योजना जून के अंत तक सभी एएफसी द्वार को क्यूआर कोड के अनुरूप करने की है तथा क्यूआर-आधारित कागज के टिकट के वितरण के लिए टिकट बिक्री मशीनों का अद्यतन करने का भी लक्ष्य है। दिल्ली मेट्रो ने अपना संचालन दिसंबर 2002 में शुरू किया था। मेट्रो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ये टोकन भारत में बनाए जाते हैं लेकिन इनकी चिप को विदेश से खरीदा जाता है। टोकन पीवीसी सामग्री से बने होते हैं।” 

टोकन के निर्माण पर आने वाली लागत के बारे में पूछने पर अधिकारी ने कहा, “एक टोकन के निर्माण पर लगभग 16 रुपये का खर्च आता है। टोकन की तुलना में क्यूआर कोड आधारित कागज के टिकट के निर्माण पर लागत बहुत मामूली है।” 

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %