निकाय चुनाव: आरक्षण सूची आते ही सोशल मीडिया पर तेज हुआ प्रचार

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कानपुर: नगर निकाय चुनाव को लेकर शासन से आरक्षण की सूची जारी होते ही सोशल मीडिया पर चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। कुछ पार्षद अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ ऐसे भी पार्षद है जिन्हें आरक्षण सूची से निराशा हाथ लगी। वह चुनाव लड़ने से वंचित हो गए।

बता दें कि बीते पन्द्रह वर्ष से कानपुर नगर निगम में भाजपा ने अपनी मजबूत पकड़ बनाए हुए है। सदन में कुल 110 पार्षदों की सीट है। जिसमें से 65 पार्षद भाजपा के है। आरक्षण की सूची जारी होते ही कई पार्षद अपनी पत्नी को चुनाव मैदान उतारने की तैयारी शुरू कर दी है। कुछ के हाथ मायूसी ही लगी। वर्तमान में कांग्रेस के कुल 18 पार्षद बचे हुए हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव से पूर्व सपा के कुछ पार्षद कांग्रेस का हाथ पकड़ चुके है। हालत यह है कि सपा, बसपा, और निर्दलीय पार्षद लगभग बराबर की संख्या में है।

आरक्षण सूची जारी होते ही प्रदेश के सभी वार्डो में चुनावी चर्चा तेज

शासन ने नगर निगम चुनाव के लिए प्रदेश के सभी वार्डो की आरक्षण सूची जारी कर दी है। अब आरक्षण को लेकर सवाल उठाए जा रहें है। यह सूची नगर निगम से भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है। ऐसे में कई दावेदारों को निराशा ही हाथ लगी। जबकि कई पूर्व पार्षद पूरे उत्साह के साथ चुनाव की तैयारी में जुट चुकें है। वही कुछ पत्नियों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में जुट गए है। कई वार्डों के आरक्षण को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।

कोरोना की वजह से नहीं हो सकी जनगणना

कोरोना के चलते वर्ष 2021 की होने वाली जनगणना नहीं हो पायी। आरक्षण के लिए रैपिड सर्वे कराये जाने की जानकारी भी सामने नहीं आई है। जबकि 2017 का रैपिड सर्वे भी चक्रानुक्रम आरक्षण के लिए आधार बनाया गया था। इससे पूर्व हर 10 साल में परिसीमन, जनगणना और हर 5 साल में रैपिड सर्वे किया जाता रहा है। इसके बाद आरक्षण का निर्धारण किया जाता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो सका।

पार्षद उम्मीदवारों का कहना है, कि वार्ड-29 ओमपुरवा 2012 में ओबीसी था। 2017 और 2022 में यह सीट सामान्य कर दी गई। यहां साढ़े 17 फीसदी पिछड़ी जाति की आबादी है। इसी तरह वार्ड-58 तिवारीपुर में करीब 18 फीसदी पिछड़ी आबादी है। यह सीट 2012, 2017 और 2022 में सामान्य रही। वार्ड-85 लाजपत नगर में भी 18 फीसदी पिछड़ी जाति की आबादी है लेकिन यह तीसरी बार भी सामान्य घोषित की गई। वार्ड- 91 शास्त्रीनगर सामान्य से पिछड़ा घोषित किया गया।

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