कांग्रेस नेता धस्माना ने यूकेएसएसएससी जांच और खनन को लेकर उठाए सवाल
देहरादून: कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने यूकेएसएसएससी प्रकरण में एसआईटी गठन पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसमें लीपापोती की जा रही है। इसके साथ ही खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पेपर लीक मामले में कांग्रेस पहले से ही आशंका को देखते हुए जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी।
रविवार को सुभाष रोड स्थित एक होटल में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पत्रकारों से बातचीत में यह आरोप लगाए। इस दौरान उन्होंने कहा कि यूकेएसएसएससी पेपर लीक को लेकर कांग्रेस प्रारंभ से ही मुखर होकर सदन से लेकर सड़क तक आवाज उठाती रही है। आज जमानत पर लोग आ रहे हैं। अब ऐसा लग रहा है कि एनएच प्रकरण की तरह इस मामले को भी दबा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस युवाओं के भविष्य को लेकर अपना अभियान को जारी रखेगी। यूकेएसएसएससी में गिरफ्तारी के बाद लोग जमानत पर बाहर आ रहे हैं। उच्च पदों पर बैठे लोगों का हाथ है। असली दोषी को छिपाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार सोची समझी प्लान पर काम कर रही है। हम अब भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। एसआईटी गठन होने पर पहले से लीपापोती को लेकर आशंका थी। कांग्रेस नौजवानों और बेरोजगारों के साथ राज्यव्यापी आंदोलन करेगी।
उन्होंने कहा कि एक ओर पैसे को लेकर सरकार रोना रोती है तो दूसरी ओर खनन माफिया राज्य के राजकोष को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गढ़वाल विकास के विकास निगम के प्रबंध निदेशक की स्पष्ट आख्या के बावजूद भी डिफाल्टर लॉट संचालकों को खनन कार्य दिया जा रहा है। खनन कार्य में लाखों रुपये कुछ खास संरक्षण प्राप्त लोगों को माफ कर दिया जाता है। गढ़वाल विकास निगम देहरादून की ओर से निविदा के माध्यम से यमुना नदी में विनोद नेगी और मुकेश जोशी को पांच साल के लिए 2019-20 में राजस्व खनन आवंटित किया गया। निगम की तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने खनन सचिव को पत्र लिखकर दोनों लॉट संचालकों का राजस्व माफी पर नाराजगी जताते हुए इसे वित्तीय अनमियतता बताया। इसके बावजूद ऐसे लोगों को नये सत्र में लॉट दिया गया है।
धस्माना ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राशि को जमा करने के बाद ही खनन कार्य की अनुमति देने की मांग की जाएगी। पूरा विश्वास है कि युवा मुख्यमंत्री कदम सही उठाएंगे। बावजूद कुछ निर्णय नहीं लिया गया तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी आंदोलन बाध्य होकर लेगी।