कभी आईटी था प्राइम सेक्टर अब नर्सिंग व पैरामेडिकल का समय : मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ: स्वास्थ्य और चिकित्सा तंत्र के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब नर्सिंग और पैरामेडिकल सेक्टर में व्यापक सुधार के लिए ‘मिशन निरामयाः’ की शुरुआत की है। शनिवार को एसजीपीजीआई लखनऊ के परिसर में नए अभियान का औपचारिक शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने नर्सिंग और पैरामेडिकल को चिकित्सा व्यवस्था की रीढ़ करार दिया और कहा कि 90 के दशक में कॅरियर के लिहाज से अगर आईटी सेक्टर सबसे प्राइम माना जाता था तो आज के दौर में नर्सिंग और पैरामेडिकल क्षेत्र शानदार अवसरों से भरा है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि नर्सिंग और पैरामेडिकल एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी आवश्यकता जन्म से लेकर मृत्यु तक हमेशा होती है। यही नहीं महिलाओं के लिए तो यह सेक्टर सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन का शानदार उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी सभ्य समाज की तरक्की के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा तंत्र का मजबूत होना सबसे अहम है। लेकिन दशकों इन क्षेत्रों को उपेक्षित रखा गया। नर्सिंग जैसा क्षेत्र, जिसके बिना बेहतर चिकित्सा संभव ही नहीं, उसमें समय के साथ सुधार की कोशिशें नहीं हुईं। लेकिन अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार इस सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में बहुआयामी सुधार के लिए श्मिशन निरामयाःश् की शुरुआत कर रही है।

उन्होंने कहा कि यह मिशन एक ओर जहां प्रदेश में संस्थानों और सीटों की वृद्धि में सहायक होगा, वहीं संस्थाओं के गुणवत्ता सुधार और प्रशिक्षण के बाद युवाओं के सेवायोजन के लिए जरूरी प्रयास किए जाएंगे। मिशन निरामयाः के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग को शुभकामनाएं देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन के पहले चरण में हमारा लक्ष्य नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप करने की होगी, जबकि अगले चरण में इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के अनुरूप बनाया जाएगा। विशेष मौके पर प्रशिक्षण के बाद युवाओं के सेवायोजन के लिए 05 प्रशिक्षण संस्थानों और 05 प्रतिष्ठित अस्पतालों के बीच एमओयू भी हुआ।

गुणवत्ता सुधार के लिए मेंटॉर नियुक्त, क्यूसीआई से भी करार

संस्थानों के गुणवत्ता सुधार की जरूरत पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण के होने का ही परिणाम रहा कि नर्सिंग स्टाफ के लिए राज्य सरकार ने 4700 पदों पर भर्ती आयोजित की, तो आवेदन आये एक लाख दो हजार लेकिन पास हुए केवल तीन फीसदी अभ्यर्थी। सुधार के लिए समय के अनुरूप बदलने की कोशिश नहीं हुई, नतीजतन, कभी विश्वगुरु रहा देश दूसरे देशों की नकल को मजबूर हो गया। लेकिन प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 2017 के बाद प्रदेश में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा तंत्र को मजबूत बनाने का कार्यक्रम शुरू हुआ, यह मिशन निरामयाः उसी कड़ी का एक हिस्सा है।

सीएम ने कहा कि हमारे बहुत से संस्थान अच्छा काम कर रहे हैं, ऐसे 12 संस्थानों का चयन कर उन्हें मेंटॉर बनाया जा रहा है। यह संस्थान अन्य नर्सिंग कॉलेजों को बेहतर होने के लिए मार्गदर्शन कराएंगे। यही नहीं, संस्थानों की रेटिंग के लिए क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया से करार हुआ है। हर संस्थान की गुणवत्ता का प्रमाणन कराया जाएगा। उत्तर प्रदेश में सबसे अच्छी पैरामेडिकल व नर्सिंग की ट्रेनिंग मिलेगी।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने परीक्षा नियंत्रण कक्ष का लोकार्पण भी किया और कहा कि नए संस्थानों की मान्यता की प्रक्रिया सरल की गई है और मानक पूरा करने वाले हर संस्थान को आसान प्रक्रिया से मान्यता दी जाएगी।

मेंटॉर के रूप में चयनित हुए ये संस्थान

1- रुहेलखंड कॉलेज ऑफ नर्सिंग, बरेली

2- यूपीयूएमएस, फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, सैफई इटावा

3- शारदा स्कूल ऑफ नर्सिंग साइंस जीबी नगर नगर

4- कॉलेज ऑफ नर्सिंग, जीएसवीएम कानपुर

5- बाबा इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस एंड नर्सिंग, लखनऊ

6- फैकल्टी ऑफ नर्सिंग, सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ

7- हिलेरी क्लिंटन नर्सिंग स्कूल, सहारनपुर

8- एलएलआरएम, मेरठ

9 गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग, गोरखपुर

10- एसडीपीएम कॉलेज ऑफ नर्सिंग, गोंडा

11- आईआईएमटी, मेरठ

12- नाइटिंगेल इंस्टीट्यूट ऑफ़ नर्सिंग, नोएडा

मिशन निरामयाः, ऐसे होगा कायाकल्प

– संस्थानों व सीटों की संख्या में बढ़ोतरी

– संस्थानों की रेटिंग

– सपोर्टिव सुपरविजन

– परीक्षा सुधार

– प्रशिक्षण के बाद रोजगार के बेहतर अवसर

-डिजिटल प्लेटफॉर्म

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