बालिकाओं को 323 करोड़ से अधिक की राशि डिजिटली हस्तांतरित, संकल्प पूर्ण करने में बेटियों का अहम योगदान: मुख्यमंत्री धामी
देहरादून: मुख्यमंत्री ने सोमवार को मुख्य सेवक सदन में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हज़ार लाभार्थी बालिकाओं को पीएफएमएस के माध्यम से 323 करोड़ 22 लाख की धनराशि का डिजिटल हस्तांतरण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2017-18 सत्र की 5310 बालिकाओं, 2018-19 सत्र की 460 बालिकाओं, 2019- 20 सत्र की 1567 बालिकाओं, 2020- 21 सत्र की 16210 बालिकाओं और 2021- 22 सत्र की 56177 बालिकाओं, इस प्रकार से कुल 80 हज़ार वंचित लाभार्थी बालिकाओं को धनराशि का डिजिटल माध्यम से हस्तांतरण किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने सभी को शारदीय नवरात्र की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस शुभ अवसर पर प्रदेश की बेटियों को धनराशि हस्तांतरण कर अपने को सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं। उन्होंने कहा हमारी सरकार प्रदेश की प्रत्येक बालिका के भविष्य को उत्कृष्ट, उज्ज्वल बनाने हेतु संकल्पित है। हमारी सरकार के संकल्प को पूर्ण करने में बेटियों का अहम योगदान है।
उन्होंने ने दिवंगत अंकिता भण्डारी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि दुख की इस घङी में सरकार उनके शोक संतप्त परिजनों के साथ है। उन्होंने कहा हमारी बेटियों के साथ होने वाली इस तरह की घटना मन में क्रोध पैदा करती है। उन्होंने कहा इस घटना के लिए जिम्मेदार दोषी लोगों को बिल्कुल भी नहीं बख्शा जाएगा। बेटियों के साथ अन्याय करने वाले लोगों की हमारे समाज एवं राज्य में कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा इस प्रकरण की तेजी से जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है। मामले में संलिप्त दोषी लोगों को शीघ्रता से सजा मिले, इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से कार्रववाई की जाएगी।
कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं बालिकाओं को सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते पर ले जाती हैं। उन्होंने बताया कि 2017-18 से 2021 -22 तक के नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हज़ार लाभार्थी बालिकाओं को पीएफएमएस के माध्यम से 323 करोड़ 22 लाख की धनराशि का डिजिटल माध्यम से हस्तांतरण किया गया है। इस वर्ष 2022 से सारी प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से की जायेगी ताकि पात्र बालिकाओं को ये लाभ प्राप्त करने के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना कटाने पड़े। कार्यक्रम में सचिव हरीश चंद्र सेमवाल अपर सचिव प्रशांत आर्य निदेशक संस्कृति वीणा भट्ट एवं अन्य लोग उपस्थित थे।