जन भागीदारी अभियान से टीबी मुक्त उत्तराखंड बनाने का लें संकल्पः राज्यपाल

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देहरादून: राज्यपाल ने कहा कि स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उत्तराखंड को टीबी मुक्त बनाने के लिए जनभागीदारी से जड़ से समाप्त करने का संकल्प लेना होगा।प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता से 2024 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य लिया गया है।

शनिवार को राजभवन से राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के शुरूआत होने के अवसर पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने टीबी रोगियों की सहायता हेतु निःक्षय मित्र बनते हुए 21 टीबी रोगियों को गोद लिया और उन्हें मासिक पोषण किट वितरित की।

उन्होंने कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए जन भागीदारी के इस अभियान में शामिल होकर टीबी रोगियों की सहायता का संकल्प लेना होगा। आम लोगों के साथ.साथ जनप्रतिनिधियों, गैर सरकारी संगठनों, सामाजिक संस्थानों आदि से आह्वान किया कि वे टीबी रोगियों की सहायता करने के लिए निःक्षय मित्र बनें।

राज्यपाल ने कहा कि हमें इस चुनौती को स्वीकार करते हुए प्रत्येक टीबी रोगी का मित्र बनकर उसके इलाज, पोषण में सहयोग करना होगा ताकि हमारा प्रदेश टीबी मुक्त हो सके।

राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश में टीबी के मामले एक चुनौती है। इसको देखते हुए राष्ट्रपति द्वारा 09 सितम्बर, 2022 को टीबी मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की गई। इसके अन्तर्गत 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता से 2024 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने का लक्ष्य लिया गया है जो प्रशंसनीय है। इसके लिए सभी लोगों को सहयोग करने की जरूरत है।

टीबी रोगियों में 80 प्रतिशत गोद की सहमति-

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को 2024 तक टीबी से मुक्त करने का हमारा लक्ष्य है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार सब के सहयोग से प्रदेश को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए संकल्पबद्ध है। राज्य के टीबी रोगियों में 80 प्रतिशत द्वारा गोद लिए जाने की सहमति दी है। अब यह हम सबका दायित्व है कि हम उन्हें रोग मुक्त करने के अभियान से जुड़े इसके लिए सामाजिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाएगा। पहले टीबी रोग को खतरनाक माना जाता रहा है किंतु आज जांच एवं अनुसंधान प्रक्रिया की उपलब्धता से इस रोग को दूर करने के साधन उपलब्ध हो गए हैं।

इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मंत्री गणेश जोशी, सांसद माला राजलक्ष्मी शाह, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, विधायक राजपुर खजान दास, विधायक कैंट सविता कपूर, विधायक डोईवाला बृजभूषण गैरोला, सचिव ;प्रभारी स्वास्थ्य डॉ.आर.राजेश कुमार, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ.शैलजा भट्ट, निदेशक डॉ. सरोज नैथानी, राज्य क्षय निवारण अधिकारी डॉ.एस.के.झा सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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