एकता और सौहार्द के साथ मानव कल्याण के लिए कार्य करें लोग: राज्यपाल

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धर्मशाला: राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने वीरवार को कांगड़ा जिले के नूरपुर में आरम्भ हुए दो दिवसीय राज्य स्तरीय जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर निकाली गई भव्य शोभा यात्रा चैगान से होती हुई बृजराज मंदिर में संपन्न हुई, जिसकी अगुवाई राज्यपाल ने की। वह पारम्परिक तौर पर पगड़ी पहनकर शोभायात्रा में शामिल हुए। स्थानीय विधायक एवं वन एवं युवा, खेल मंत्री राकेश पठानिया भी उनके साथ थे।

राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को जन्माष्टमी की बधाई देते हुए कहा कि यह पर्व भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है, जिन्होंने मानवता के कल्याण के लिए हमें गीता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण की शिक्षाएं हमेशा प्रासंगिक रही हैं क्योंकि उन्होंने निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण से कार्य करते रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखण्डता भगवान श्री कृष्ण और भगवान श्री राम में समाई हुई है। देश के कोने-कोने में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है और हिमाचल प्रदेश में भी इस त्यौहार को हर्षोल्लास से मनाया जाता है।

राज्यपाल ने लोगों से एकता और सौहार्द के साथ मानव कल्याण के लिए कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अपनी समृद्ध संस्कृति और उच्च रीति-रिवाजों पर गर्व होना चाहिए। हमारा हर कार्य राष्ट्रीयता की भावना से किया जाना चाहिए। उन्होंने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि यह अभियान भी राष्ट्रीयता व हमारे स्वाभिमान से जुड़ा था। ऐसी भावना हमेशा रहनी चाहिए।

राज्यपाल ने ‘बृजराज’ स्मारिका के पहले अंक का भी विमोचन किया।

राज्यपाल ने इस मौके पर विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को ईनाम देकर सम्मानित किया।

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