राष्ट्रपति चुनाव के लिए शिमला पहुंची सीलबंद चुनाव सामग्री
शिमला: भारत निर्वाचन आयोग ने 18 जुलाई को होने वाले भारत के राष्ट्रपति चुनाव के संचालन के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली और केन्द्र शासित प्रदेश पुडुचेरी सहित अन्य राज्य विधानसभा सचिवालयों को नामित मतपेटियां, मतपत्र, विशेष पेन और अन्य सीलबंद चुनाव सामग्री का वितरण और प्रेषण आज शुरू कर दिया।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने आज यहां बताया कि शिमला में यह सामग्री आज भारत चुनाव आयोग की ओर से नियुक्त सहायक रिटर्निंग अधिकारी एवं सचिव हिमाचल प्रदेश विधानसभा यशपाल शर्मा की देख-रेख में प्राप्त की गई। उन्होंने बताया कि भारत चुनाव आयोग के निर्देशों के अनुसार यह सामग्री कड़ी सुरक्षा के बीच दिल्ली से पहुंचाई गई और यहां विधानसभा परिसर में बनाए गए स्ट्रांग रूम में सुरक्षित रखी गई है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति चुनावों के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।
उन्होंने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चन्द्र पांडेय की देख-रेख में समयबद्ध और सुरक्षित ढंग से राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों को चुनाव सामग्री भेजने के लिए निर्वाचन सदन नई दिल्ली में दो दिवसीय अभ्यास किया गया।
आयोग द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी और सहायक रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा दिल्ली में भारत निर्वाचन आयोग मुख्यालय से सामग्री एकत्रित करना अनिवार्य किया गया है। अधिकारियों को दिल्ली हवाई अड्डे पर हेल्प डेस्क पर भारत निर्वाचन आयोग, नागरिक उड्डयन, दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ के अधिकारियों द्वारा संचालित किया जाता है। निर्वाचन सदन नई दिल्ली में पूर्ण निरीक्षण के उपरांत उचित सुरक्षा और अन्य सुरक्षा उपायों के तहत आवश्यक चुनाव सामग्री के साथ मतपेटियां एआरओ को सौंप दी जाती है। चुनाव सामग्री लेने के दिल्ली पुलिस की टीमें एआरओ को सुरक्षा प्रदान करती है और एआरओ चुनाव सामग्री का संग्रह करने के दिन ही वापस लौट आते हैं।
आयोग ने मतदान के संचालन के लिए पहले ही विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं और एआरओ तथा पर्यवेक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रपति चुनाव संचालन के लिए निर्वाचन प्रक्रिया के सभी पहलुओं पर उन्हें जानकारी देने के लिए विज्ञान भवन में 13 जून को आरओ, एआरओ और सीईओ की एक कार्यशाला भी आयोजित की गई थी।
नामित पर्यवेक्षक आरओ और एआरओ द्वारा मतपेटियों और चुनाव सामग्री की सुरक्षा और परिवहन के लिए चुनाव व्यवस्था का जायजा लेंगे और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेंगे। संसद भवन में प्रतिनियुक्त पर्यवेक्षक 21 जुलाई को मतगणना की प्रक्रिया की भी निगरानी करेंगे।