जिला किन्नौर में सांगला के सेरिडचे नाले में बाढ़ से बगीचे और फसलों को नुकसान

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किन्नौर/सांगला: जिला किन्नौर में बरसात ने दस्तक के साथ ही कहर बरपाना शुरू कर दिया है। देर शाम सांगला तहसील की बटसेरी के सेरिडचे नाले में बाढ़ आई। इसमें थैमगारंग गांव के आधा दर्जन से अधिक किसान-बागवानों के सेब बगीचों को नुकसान पहुंचा है तो वहीं राजमा, ओगला और फाफरा सहित अन्य नकदी फसलों को भारी क्षति पहुंची है। इसके अलावा चार मछली टैंक भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

राजस्व विभाग की टीम के मुताबिक बाढ़ से करीब दस लाख रुपये की संपत्ति के नुकसान का आकलन है। नाले में बाढ़ आने से किसानों और बागवानों के खेत मलबे से भर गए हैं। इसके कारण जहां सेब की फसलों को क्षति हुई हैं। वहीं खेतों में तैयार हो रही अन्य नकदी फसलें मलबे के ढेर में बरबाद हो गई हैं।

जानकारी के अनुसार घटना शनिवार देर शाम करीब 5:30 बजे की है जब सेरिडचे नाले का जलस्तर में बाढ़ आ गई। नाले में पानी के साथ ही बड़े-बड़े पत्थर भी बह रहे थे, जिसे देखकर लोग बुरी तरह से सहम गए। करीब सवा घंटे तक नाले में आई बाढ़ ने थमगारंग गांव के लोगों के बगीचों और खेतों में लगी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

हालत यह है कि लोगों की जमीनों में पत्थर और मलबे के ढेर लगे हैं, जिससे की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। बाढ़ आने से राम प्रसाद, नेक राम, हरदेव, कमल सैन, मालजीन, नंद कुमार और रणजीत सिंह के सेब के बगीचे सहित नकदी फसलों को नुकसान पहुंचा है। हरदेव और राम प्रसाद के दो फिश टैंक भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

सूचना मिलते ही पुलिस थाना सांगला से थाना प्रभारी सांगला जनेश्वर ठाकुर की अगुवाई टीम मौके पर पहुंची। इसके अलावा राजस्व विभाग सांगला से कानूनगो अमरजीत नेगी, पटवारी दीप कमल नेगी ने भी घटनास्थल में पहुंचकर मौके पर पहुंचकर नुकसान का आकलन किया। प्रारंभिक आकलन में करीब दस लाख की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है।
तहसीलदार सांगला बीएल नेगी ने कहा कि बाढ़ की सूचना मिलते ही मौके पर राजस्व टीम को भेजा गया है। नुकसान की रिपोर्ट बनाकर मुआवजे के लिए जिला प्रशासन को भेज दी गई है।

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