मणिपुर भूस्खलन: मृतकों की संख्या 17 हुई, राहत एवं बचाव कार्य जारी
मणिपुर: मणिपुर के नोनी जिला में रेलवे निर्माण स्थल पर हुए भारी भूस्खलन के कारण शुक्रवार तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 17 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को मलबे से नौ और शव निकाले गए।
भूस्खलन की घटना बुधवार रात टुपुल यार्ड रेलवे कंस्ट्रक्शन कैंप में हुई। जिरीबाम से इंफाल तक निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए नोनी जिला के टुपुल रेलवे स्टेशन के पास 11 गोरखा राइफल्स के तहत टेरिटोरियल आर्मी की 107 बटालियन तैनात थी, जहां भारी भूस्खलन हुआ।
शुक्रवार को मौके पर पहुंचे मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि घटना के बाद से बचाव अभियान जारी है, लेकिन बारिश और भूस्खलन के कारण मौके पर बचाव दल तेजी से नहीं पहुंच पाए हैं। बचावकर्मियों ने गुरुवार से इलाके में पहुंचने की कोशिश की और कुल 8 शव निकाले व 18 लोगों को बचाया। शुक्रवार को 9 और शव बरामद किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, असम राइफल्स, टेरिटोरियल आर्मी, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और एसडीआरएफ द्वारा तलाशी अभियान जारी है। लगभग 50 लोग अभी तक लापता हैं।
मलबे में 82 लोगों के दबे होने की पुष्टि हुई है, जिनमें से 18 को अबतक जिंदा बचा लिया गया है। घटनास्थल से गुरुवार को आठ शव बरामद किए गए, जिनमें सात टेरिटोरियल आर्मी के जवान और एक नागरिक शामिल हैं। शुक्रवार को नौ और शव बरामद किए गए। सुबह की तलाशी के दौरान बरामद किए गए दो शव टेरिटोरियल आर्मी के हैं, जबकि अन्य की पहचान होनी बाकी है।
एक अधिकारी ने बताया कि खराब मौसम के बीच एनडीआरएफ, असम राइफल्स, जिला पुलिस, इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी, स्थानीय स्वयंसेवकों और अन्य के अतिरिक्त सहयोग से बचाव अभियान जारी है। अब तक 13 टेरिटोरियल आर्मी के जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया है।
पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने घायल टेरिटोरियल आर्मी के जवानों से मुलाकात की, जिन्हें शुरू में गुरुवार को लीमाकोंग सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उन्हें अब मंत्रीपुखरी स्थित असम राइफल्स अस्पताल में चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री सिंह ने प्रत्येक मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये और प्रत्येक घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। राज्यपाल ला गणेशन ने लोगों की मौत पर शोक व्यक्त करते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना की।
बड़े पैमाने पर मलबा इजेई नदी के मार्ग को अवरुद्ध कर दिया है, जिससे एक जलाशय बन गया है जो निचले इलाकों को कभी भी जलमग्न कर सकता है। इजेई नदी का प्रवाह मलबे से बाधित हो गया है, जिससे बांध जैसी स्थिति पैदा हो गई है, अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में कहर बरपाएगा। नोनी जिला उपायुक्त द्वारा गुरुवार को जारी एक एडवाइजरी में इसे लेकर चेतावनी जारी करते हुए नदी के किनारे किसी को भी नहीं जाने को कहा गया था।