सहयोग की भावना जागृत करते हैं खेलः अभय सिंह
हरिद्वार: एसएमजेएन पीजी कॉलेज में वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता के समापन अवसर पर कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्साह के साथ भाग लिया एवं पुरस्कार जीते।
सर्वप्रथम 10000 मीटर दौड़ (छात्र वर्ग) प्रतियोगिता में बी.ए. चतुर्थ सेम के विपुल ने प्रथम स्थान, बी.कॉम. षष्टम सेम के सुदामा पोखरियाल ने द्वितीय व एम.कॉम. के मोहित कुमार सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
त्रिकूद (छात्र वर्ग) प्रतियोगिता में बी.ए. चतुर्थ सेम के सौरभ शाह ने प्रथम स्थान, बी.कॉम. षष्टम सेम के सुदामा पोखरियाल ने द्वितीय स्थान तथा बी.कॉम. चतुर्थ सेम के सुमित सैनी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाला फेंक प्रतियोगिता (छात्रा वर्ग) में बी.ए. षष्टम सेम की शिवानी ने प्रथम, बी.ए. चतुर्थ सेम की नेहा सिंह ने द्वितीय तथा बी.एससी. प्रथम वर्ष की अंजली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
खेलकूद प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि सिविल जज सीनियर डिवीजन अभय कुमार सिंह सचिव जिला विधिक प्राधिकरण ने चौम्पियन तथा समस्त प्रतिभागी खिलाडि़यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि छात्र-छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ खेल में रुचि लेकर शिक्षकों का मार्गदर्शन प्राप्त कर आगे बढ़ना चाहिए। अभय सिंह ने कहा कि खेलकूद से विद्यार्थियों में नेतृत्व, आज्ञा पालन, समान लक्ष्य के लिए मिलकर काम करना, सहनशीलता जैसे आवश्यक गुणों का विकास होता है, साथ ही शरीर भी स्वस्थ रहता है। उन्होंने कहा कि खेलकूद अनुशासन के साथ-साथ हमें सहयोग की भावना भी जागृत करतें हैं
विशिष्ट अतिथि उत्तराखण्ड बॉक्सिंग एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. विशाल गर्ग ने खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नाम, प्रसिद्धी और धन प्राप्त करने के लिए खेल भी बहुत आवश्यक है। इसी प्रकार स्वस्थ शरीर के लिए शारीरिक गतिविधि खेल कूद में अवश्य शामिल होना चाहिए।
रमन सैनी, रिटेनर एडवोकेट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने कहा कि विद्यार्थियों को अपनी रुचि के अनुसार खेलकूद में प्रतिभाग करना चाहिए। जौनी कश्यप को छात्र चैम्पियन और प्रियंका सेमवाल व शिवानी को संयुक्त रूप से छात्रा चैम्पियन घोषित किया। चैम्पियनाें को ट्रॉफी प्रदान की गयी।
प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने कहा कि चुनौतियों के मध्य खेल कूद प्रतियोगिताओं को समपन्न कराने में कालेज ने इसे एक अवसर के रूप में स्वीकार किया।
प्रतियोगिताओं को सफल कराने में निर्णायक मण्डल की भूमिका का निवर्हन डॉ. सरस्वती पाठक, डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी, डॉ. जे.सी. आर्य, डॉ. नलिनी जैन, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. मोना शर्मा, डॉ. रेनू सिंह, श्रीमती रिचा मिनोचा, मोहन चन्द पाण्डेय आदि का सहयोग रहा।