उत्तराखंड पुलिस महिलाओं के सुरक्षा के प्रति गंभीर: डीजीपी अशोक कुमार

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देहरादून: पुलिस महानिदेशक डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस महिलाओं के सुरक्षा के प्रति गंभीर है। पुलिस का कार्य पीड़ित को मदद करनाए उसे न्याय दिलाना और कानून के अनुसार पुलिस अपने कार्यों को पूरी ईमानदारी के साथ करें।

मंगलवार को पुलिस लाइन में डीजीपी अशोक कुमार ने महिलाओं के विरुद्ध होने वाले बलात्कारए छेड़खानी एवं पोक्सो एक्ट के मामलों की जांच करने वाली महिला अधिकारियों उपनिरीक्षक से पुलिस उपाधीक्षकद्ध के एक दिवसीय कार्यशाला के शुभारम्भ के मौके पर यह बातें कहीं।

डीजीपी ने कहा कि निर्भया केस के बाद महिला सुरक्षा कानूनों में काफी परिवर्तन हुए हैं। साथ ही कई नए कानून बने हैं। आईपीसीएसीआरपीसी एवं साक्ष्य अधिनियम सभी में काफी परिवर्तन आए हैं। इन सभी का विवेचकों को सही जानकारी के लिए यह कार्यशाला आयोजित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले बलात्कारए छेड़खानी एवं पोक्सो एक्ट के मामलों की जांचएविवेचना महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा ही की जाती हैए इसलिए हमारे पुलिस अधिकारी एवं विवेचक पीड़त के प्रति संवेदनशील हो। इन कानूनों एवं महिला अपराधों की विवेचना के सम्बन्ध में पूर्व में एवं नवीनतम जारी एसओपी की जानकारी हर विवेचक तक पहुंचे और उसका वह अनुपालन किया जाए।

कार्यशाला के दौरान राज्य परियोजना अधिकारीए महिला एवं बाल विकास विभागए विमला मखलोगा की ओर से लैंगिक संवेदीकरण एवं पीड़िता का पुनर्वासए अपर निदेशक विधिए हरि विनोद जोशी की ओर से प्रथम सूचना रिपोर्ट प्रतिवेदन एवं आईपीसीए सीआरपीसी व साक्ष्य अधिनियम में नवीनतम संशोधन पर जानकारी दी गई। संयुक्त निदेशक विधिएजी सी पंचोली की ओर से विचारण के दौरान विवेचक एवं थाना प्रभारी के कर्तव्य व गवाह संरक्षणए पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीयए ममता बोहरा द्वारा यौन उत्पीड़न के अभियोगों की विवेचना में साक्ष्य संकलनए प्रभारी राज्य महिला सुरक्षा हेल्पलाइनए पुलिस मुख्यालयए ज्योति चौहान द्वारा यौन उत्पीड़न के अभियोगों की विवेचना में पीड़िताओं एवं मीडिया के प्रति पुलिस का व्यवहार व कर्तव्य आदि विषयों पर व्याख्यान दिया गया।

कार्यशाला में पीड़िताओं के साथ संवेदनशील व्यवहार करनेएबलात्कार एवं पोस्को के मामलों में पीड़िता के लिए किसी भी राज्य एवं जनपद में एफआईआर कराने की सुविधाए पीड़िता को थाने न बुलाकर पीड़िता के पास जाकर बायन दर्ज करनेएमेडिकल परीक्षण 24 घंटे के भीतर कराने आदि विषयों पर जोर दिया गया।

कार्यशाला में प्रदेश के समस्त जनपदों से कुल 125 महिला अधिकारियों ;उपनिरीक्षक. 116ए निरीक्षक. 02 से पुलिस उपाधीक्षक. 07द्ध की ओर से प्रतिभाग किया गया।

इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशकएअपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरूगेशनए पुलिस उप महानिरीक्षकएगढ़वाल परिक्षेत्र करन सिंह नगन्यालएपुलिस उप महानिरीक्षकए पीएम सेंथिल अबुदेई कृष्ण राज एसए पुलिस उप महानिरीक्षकएअपराध एवं कानून व्यवस्था कुण्पीण्रेणुकाएपुलिस उप महानिरीक्षकएप्रशिक्षण बरिन्दरजीत सिंह सहित अन्य पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

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