नगर निगम की बोर्ड बैठक में हुआ हंगामा
हरिद्वार: नगर निगम रुड़की की बोर्ड बैठक इस बार भी हंगामेदार रही। मेयर गौरव गोयल और पार्षदों के बीच जमकर नोकझोंक हुई। इसी हंगामे के बीच कई प्रस्ताव भी बोर्ड बैठक में पास हुए। बोर्ड बैठक में खानपुर विधायक उमेश कुमार, कलियर विधायक फुरकान अहमद और झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र कुमार जाती भी मौजूद रहे। रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा बोर्ड बैठक में शामिल नहीं हुए।
बैठक में खानपुर विधायक भी थोड़ी ही देर बोल पाए। विधायक फुरकान अहमद और वीरेंद्र कुमार को पार्षदों और मेयर ने बोलने का मौका ही नहीं दिया, जिसके बाद वो बीच में ही उठकर चले गए। विधायक उमेश कुमार ने कहा कि यदि इस तरह बोर्ड बैठक चलती रही तो वो आगे बैठक में नहीं आएंगे। बैठक में पार्षद और मेयर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते रहे।
गौरतलब है कि नगर निगम रुड़की की शनिवार को आयोजित हुई नगर निगम रुड़की की बोर्ड बैठक में 62 प्रस्ताव रखे गए थे, जिसमें करीब 11 प्रस्ताव मेयर विरोधी गुट के करीब 25 पार्षदों ने सर्वसम्मति से निरस्त कर दिए। बाकी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास करते हुए। खानपुर विधायक उमेश कुमार ने मेयर और पार्षदों को नसीहत देते हुए कहा कि बोर्ड बैठक लड़ाई किसी व्यक्ति विशेष की नहीं हैं। इस हंगामे से जनता को नुकसान होता है।
विधायक उमेश कुमार ने कहा कि जनता ने शहर के मुद्दे उठाने के लिए पार्षदों को चुनकर सदन में भेजा है। इसीलिए नगर निगम रुड़की की बोर्ड बैठक शांतिपूर्ण ढंग से होने चाहिए, ताकि आम आदमी के मुद्दों पर चर्चा की जा सके। उमेश कुमार ने बोर्ड बैठक में पास हुई लीज की सम्पत्तियों के गैर कानूनी तरीकों पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि करोड़ों की इस संपत्ति का खेल करने वाले के खिलाफ वे एफआईआर दर्ज करवाएंगे। अगर सदन इस मामले में कार्रवाई नहीं करेगा, वे खुद मुकदमा दर्ज कराएंगे।
बैठक के दौरान मेयर विरोधी गुट के पार्षदों ने सर्वसम्मति से अनाज मंडी की भूमि की लीज रिनिवल पर मुहर लगाई। इस भूमि की लीज के संबंध में एक ऑडियो भी वायरल हुआ था, जो मेयर का ही बताया जा रहा था। इस मामले में सुबोध गुप्ता ने मेयर के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करवाया था। इसका प्रस्ताव पास होने पर मेयर पक्ष के पार्षदों ने हंगामा किया और दूसरे गुट पर मामले में मोटी डील करने के आरोप लगाए। इस दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ।
मेयर गौरव गोयल ने एक बार फिर से पूर्व नगर आयुक्त और सहायक नगर आयुक्त पर गम्भीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि अवैध तरीके से साढ़े 12 करोड़ की एजेंसियां पार्षदों को बांटी गई। मेयर ने कहा कि पार्षदों को पूर्व अधिकारी ठेकेदार बनाकर चले गए। वहीं, हंगामा बढ़ते देख कलियर विधायक फुरकान अहमद, झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र और खानपुर विधायक उमेश कुमार बैठक समाप्त होने से पहले ही सदन से चले गए।