शौर्य दीवार पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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हरिद्वार: जलियांवाला बाग नरसंहार के शहीदों को आज शौर्य दीवार पर श्रद्धा सुमन अर्पित कर भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई।

कालेज के प्राचार्य डॉ0 सुनील बत्रा ने कहा कि जलियांवाला बाग हत्याकांड ब्रिटिश भारत के इतिहास का काला अध्याय है। आज ही के दिन अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अमृतसर के जलियांवाला बाग में मौजूद निहत्थी भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं। इस हत्याकांड में 1300 से ज्यादा लोग शहीद हुए थे। जिस दिन यह क्रूरतम घटना हुई उस दिन बैसाखी का पर्व था। बैसाखी के पवित्र पर्व पर लोगों के लाल लहू से ब्रिटिश सरकार ने इस काले अध्याय को अन्जाम दिया था। यह हृदय विदारक नर संहार से ही भविष्य में देश की आजादी के शंखनाद का बिगुल फूंका गया।

गत 13 अप्रैल 1919 को हुए इस वीभत्स कांड की जांच अगर पंडित मदन मोहन मालवीय नहीं करते तो ब्रिटिश हुकूमत इस नरसंहार में मरने वालों की संख्या को भी छिपा लेती। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के कुलपति पद को रिक्त छोड़कर पंडित मदन मोहन मालवीय अमृतसर में सिख एवं पजांबी लोगों से पूछताछ कर इस वीभत्स हत्याकांड में मरने और घायलों का आंकड़ा एकत्र किया। इसके बाद में लीपापोती के लिए ब्रिटिश सरकार ने हंटर कमीशन की स्थापना की थी जिसने मात्र 379 मौतों और एक हजार घायलों की रिपोर्ट दी थी।

इस श्रद्धांजलि सभा में डॉ0 सरस्वती पाठक डॉ0 मोना शर्मा, डॉ0 लता शर्मा, डॉ0 आशा शर्मा, डॉ0 विनिता चौहान, डॉ0 विजय शर्मा, एम सी पांडे, डॉ0 पूर्णिमा सुन्दरियाल, डॉ0 प्रज्ञा जोशी0 दीपिका आनन्द, डॉ0 पदमावती तनेजा नेहा गुप्ता, प्रीति लखेड़ा, विनीत सक्सेना, प्रिंस श्रोत्रिय एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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