सेंट्रल विस्टा से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई याचिकाकर्ता को फटकार

0 0
Read Time:2 Minute, 49 Second

दिल्ली: बहुचर्चित सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़ी एक याचिका को आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इस याचिका में मांग की गयी थी कि प्रोजेक्ट के तहत बन रहे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के सरकारी आवास को वहां से हटाकर दूसरी जगह बनाया जाय।

दरअसल सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ राजीव सूरी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है जिस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि प्लाट नंबर एक का इस्तेमाल रिक्रिएशनल सुविधाओं के लिए होना था, लेकिन इसका इस्तेमाल आवासीय के लिए किया जा रहा है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि वहां कोई प्राइवेट प्रोपर्टी नहीं बनाई जा रही है, बल्कि उपराष्ट्रपति का आवास बनाया जा रहा है। लिहाजा चारों और हरियाली होना तय है। योजना को अधिकारियों द्वारा पहले ही मंजूरी दे दी गई है। आप उस प्रक्रिया में दुर्भावना का आरोप तो नहीं लगा रहे हैं।

याचिका में दावा किया गया था कि सेंट्रल विस्टा के जरिए इस क्षेत्र में आम लोगों की आवाजाही कम हो जाएगी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता की फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि क्या अब आम आदमी से पूछकर उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री आवास बनाना चाहिए।

न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह नीतिगत मामला है। हर चीज की आलोचना की जा सकती है, लेकिन रचनात्मक आलोचना होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति का आवास कहीं और कैसे हो सकता है? उस जमीन का इस्तेमाल हमेशा से सरकारी कामों के लिए होता रहा है। आप कैसे कह सकते हैं कि एक बार मनोरंजन क्षेत्र के लिए सूचीबद्ध होने के बाद इसे कभी नहीं बदला जा सकता है? भले ही कभी इसे मनोरंजन क्षेत्र के रूप में नामित किया गया हो। क्या अधिकारी क्षेत्र के समग्र विकास के लिए इसे संशोधित नहीं कर सकते हैं?

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %