जंगली जानवरों के आतंक से छुटकारा दिलाने को जोशीमठ बचाव संघर्ष समिति ने लगाई वन विभाग से गुहार

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जोशिमठ/चमोली:  जोशिमठ क्षेत्र में पिछले काफी समय से भालू बंदर आदि जंगली जानवरों के आतंक से छुटकारा पाने को लेकर जोशीमठ संघर्ष समिति के तहत वहां की स्थानीय जनता ने वन विभाग के अधिकारियों से गुहार लगाई है।

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के उप वन संरक्षक को लिखे पत्र में वहां के स्थानीय लोगों ने कहा है कि जोशिमठ क्षेत्र में पिछले काफी समय से भालू बंदर आदि जंगली जानवरों का आतंक व्याप्त है। जिससे स्थानीय जनता लगातार आतंक और भय के वातावरण में जीने को मजबूर है। आए दिन भालू लोगों के घरों तक पहुंच जा रहा हैं, लोगो के दुधारू पशुओं जो कि उनकी आय का भी साधन है, को मार दे रहा है। लोगो पर भी भालू हमला करके घायल कर दे रहा है जिससे इंसानी जीवन पर भी लगातार खतरा व्याप्त है।

इसके अलावा उन्होंने कहा है कि भालू के साथ ही बंदर एवं लंगूर भी लोगो के फसलों को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं। भालू कि तरह ही लंगूर व बंदर घरों के बिलकुल नजदीक तक आकर आतंक मचाये हुए हैं। इन जंगली जानवरों के लगातार आबादिक क्षेत्र में बने रहने से न सिर्फ आम जन जीवन अस्त व्यस्त हुआ है बल्कि ग्रामीण आबादी का तो जीना दुभर होगया है।

जोशीमठ क्षेत्र की पीड़ित जनता ने वन विभाग के अधिकारियों से मांग की है, कि क्षेत्र की जनता को जंगली जानवरों के आतंक से तुरंत मुक्ति दिलाने हेतु ठोस एवं गंभीर कार्यवाही सुनिश्चित करें। जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान की भरपाई समुचित एवं तुरंत सुनिश्चित करें। हिमांचल कि तर्ज पर यहां भी बंदरो एवं लंगूर से मुक्ति हेतु कार्यवाई की जाय। भालू के हमले से बचाव हेतु तुरंत एक टास्क फोर्स का गठन किया जाए जिसमें स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाय।

इसके साथ ही जोशीमठ की पीड़ित जनता ने उक्त सभी मांगों को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से शीघ्र कार्यवाही की अपेक्षा की है।

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