21 जुलाई को मनायी जाएगी गुरु पूर्णिमा, बन रहा दुर्लभ संयोग
धर्म-संस्कृतिः इस साल आषाढ़ की पूर्णिमा 20 जुलाई से शुरू हो कर 21 जुलाई को समाप्त हो रही है। ऐसे में लोगों में गुरु पूर्णिमा की सही तिथि के बारे में असमंजस पैदा हो गया है कि इसे 20 जुलाई को मनाएं या फिर 21 को। पूर्णिमा का स्नान-दान और व्रत किस दिन करें। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई को शाम से प्रारंभ होकर 21 जुलाई को समाप्त हो रही है। विद्वानों के अनुसार जिस तिथि में सूर्योदय होता है, उस दिन की तिथि मान्य होती है। आषाढ़ पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय 21 जुलाई को होगा. ऐसे में यह पर्व 21 जुलाई को ही मनाया जाएगा।
कालीबाड़ी मंदिर के पुजारी व ज्योतिषाचार्य पं. बृजेश गौड़ ने बताया कि गुरु और शिष्य के पवित्र संबंध का यह पर्व इस बार सर्वार्थ सिद्धि और प्रीति योग में पड़ रहा है। यह बहुत ही दुर्लभ संयोग है, जो बहुत ही मंगलकारी माना जाता है। उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को सुबह 5:36 बजे से 22 जुलाई को रात्रि 12:14 बजे तक सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही 21 जुलाई को रात 09:11 से अगले दिन शाम 05:58 बजे तक प्रीति योग रहेगा। इससे पहले 20 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। पशुपति नाथ मंदिर के पुजारी पं. मुकेश मिश्रा ने बताया कि गुरुपूणिमा के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। ब्रह्म मुहूर्त में 4:14 से 4:55 बजे के बीच स्नान के लिए अति शुभ मुहूर्त है। हालांकि सूर्योदय के बाद भी श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। बताया कि इस दिन लाल व पीले वस्त्र, भोजन, मिष्ठान और क्षमतानुसार धनदान का भी काफी महत्व है।