शिक्षा की अलख जगाती निर्बल वर्ग बालवाड़ी को जिलाधिकारी ने दी 30 हज़ार की अतरिक्त सहायता

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-विधवा बच्चोंशुदा शमीमा को आर्थिक सहायता चैक प्रदत्त

-अनाथ भाई-बहन अदिति, आदित्य का बंधक 50 हजार का लोन डीएम आफिस से किया प्रत्यक्ष जमा,

देहरादून : जिलाधिकारी सविन बंसल बच्चों, बुजुर्ग, महिला, निर्बल, असहाय, एवं दिव्यांग था आमजन के हितों के प्रति संवेदनशील हैं, इसका परिणाम है कि आए दिन उनके कार्यालय में फरियादियों की कतार रहती है। जन समस्याओं का निरंतर समाधान का गंभीर प्रयास। मा0 सीएम की प्रेरणा से डीएम सविन बसंल ने आज कलेक्टेªट परिसर में दिव्यांग शिक्षित महिला गुरिंदर को नियुक्ति पत्र, असहाय जरूरतमंद अनाथ बहन-भाई अदिति-आदित्य का 50 हजार डीएम आफिस जमा कराया, एकल विधवा महिला शमीमा को 3 हजार का आर्थिक सहायता चैक दिया गया।

नौकरी को भटक रही कम्प्यूटर स्पेशलिस्ट दिव्यांग गुरिंदर को मिली जिला प्र्रशासन की विनम्र मदद, कम्प्यूटर प्रोग्रामर की की मिली नौकरी, तीन दिवस भीतर नौकरी के लिए भटक रही पढी लिखी बीसीए डिग्रीधारी दिव्यांग महिला गरिंदर ने डीएम से अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि वे कई संस्थानों में नौकरी के लिए साक्षात्कार दे चुकी हैं किन्तु सबकुछ ठीक होने के उपरान्त भी उनकी शारीरिक कमजोरी/दिव्यंगता को देखते हुए उसे नौकरी नही मिल पा रही हैं जबकि कम्प्यूटर ज्ञान सहित शिक्षा के अन्य क्षेत्र में पारंगत है जिस पर डीएम ने जिला प्रोबेशन अधिकारी, मिहिला कल्याण को निर्देशित किया था कि आवेदिका को योग्यता के अनुसार किसी भी तरह, किसी भी योजना के तहत् एक सप्ताह अन्तर्गत अवसर प्रदत्त कर योजित किया जाए। अब गुरिंदर को एक संस्था आसरा में डेटा प्रोग्रामर की नौकरी मिल गई है। माता-पिता की मृत्यु उपरान्त किस्त भरने में असमर्थ बहन-भाई अदिति व आदित्य का 50 हजार ऋण डीएम आफिस से किया जमा
आर्थिक सहायता को भटक रही, एकल महिला को 3 हजार,

अनाथ बहन-भाई अदिति व आदित्य जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है तथा अपने छोटे भाई के साथ रहती हैं, उनके पिता अदिति के नाम से एचडीएफसी फाइनेंस से ऋण लिया था, पिता की मृत्यु उपरान्त वे शेष किस्त जमा करने में असमर्थ थी, फाईनेंस रिकवरी वाले आए दिन उनको किस्त जमा करने के लिए परेशान कर रहे थे, जन दिवस कार्यक्रम में प्रकरण संज्ञान में आते ही जिलाधिकारी ने उनका ऋण को रायफल फंड से भुगतान के निर्देश दिए, जिसके क्रम में आज अदिति को 50 हजार धनराशि चैक रायफल फंड से दिया गया है।

वहीं एकल विधवा महिला समीमा जिनके तीन बच्चे हैं वे सिलाई, कढाई आदि कार्य कर जीवन यापन कर ही ने डीएम से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई जिस पर डीएम ने प्रभारी अधिकारी कलेक्टेªट आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। औपचारिकताएं पूर्ण करने के उपरान्त महिला को आर्थिक सहायत राशि चैक प्रदान किया गया।

जनता दिवस में आई थी दिव्यांग महिला नीता रानी, बालवाड़ी जीर्णाेद्धार के लिए मांगी 50 हजार की सहायता डीएम ने दिए थे 1 लाख। अब पुनः 30 हजार अतिरिक्त धनराशि जारी
सीएम की प्रेरणा से, डीएम सविन बंसल निर्बल, असहायों की उम्मीद बन गए हैं। डीएम ने शिक्षा की अलख जगाती बालवाड़ी को 30 हज़ार अतरिक्त सहायता दी है, जबकि इससे पूर्व 1 लाख की सहायता दी थी । जनता दिवस में आई थी दिव्यांग महिला नीता रानी, बालवाड़ी जीर्णाेद्धार के लिए 50 हजार की सहायता की मांग की थी, उनके मलिन बस्ती के बच्चों की शिक्षा एवं महिला साक्षरता एवं कौशल विकास समर्पण भाव को देख डीएम ने 1 लाख दिए थे ।

अब पुनः 30 हजार अतिरिक्त धनराशि जारी का चेक दिया है। अभी बालवाड़ी में 41 बच्चे हैं,जिनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जनता दर्शन जिलाधिकारी सविन बसंल ने दिव्यांग महिला नीता रानी जो बालवाड़ी में बस्तियों के बच्चों को साक्षर कर मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है को बालवाड़ी निर्माण हेतु 01 लाख रू0 सहायता चैक दिया। डीएम ने 30 हज़ार की अतिरिक्त सहायता देकर इस कार्य को और अधिक वृहद्स्तर पर करने की अपेक्षा की।

दिव्यांग पुनर्वास बालवाड़ी सामुदायिक केन्द्र मायाकुण्ड के जर्जर हालत का अभाव होते ही अगले ही दिन 43 लाख का निर्माण कार्य किया था प्रारम्भ

देवभूमि चेरिटेबल ट्रस्ट संचालिका पैरा खिलाड़ी नीरजा गोयल के अनुरोध पर व्यापक जनहित, दृष्टिगत डीएम ने प्रशासक रहते फंड स्वीकृत,
मायाकुण्ड में जीर्णशीर्ण सामुदायिक केन्द्र के दिन वापस लौट आए है, डीएम सविन बसंल के संज्ञान में मामला आते ही नगर निगम ऋषिकेश की टीम को मौके पर भेजकर आंगणन कराई गई। सामुदायिक केन्द्र की बहुउपयोगिता बच्चों की शिक्षा, महिला सारक्षरता, महिला कौशल की गतिविधिति संचालित हो होती है।

पैरा खिलाड़ी नीरजा गोयल देवभूमि चेरीटेबल ट्रस्ट डीएम से मिली तथा अपनी बात डीएम को बताई कि उनके द्वारा भी सांयकालीन महिला सिलाई प्रशिक्षण एवं स्थानीय बच्चों को रेमेडियल टीचिंग करायी जाती है तथा इस भवन को उपयोग में लाया जा रहा है, उन्होंने भवन मरम्मत का डीएम से अनुरोध किया। डीएम ने सामुदायिक भवन के जीर्णशीर्ण होने तथा पुनःनिर्माण के प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश थे। डीएम ने प्रशासक रहते रूपये 43.00 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई । जिस पर निविदा जारी कर कार्य प्रारम्भ हो गया है।

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