वरुथिनी एकादशी 2025: वरुथिनी एकादशी पर करें तुलसी के ये उपाय, पूरे होंगे रुके काम

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एकादशी तिथि भगवान विष्णु जी को समर्पित है. पंचांग के अनुसार, वैशाख माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है. इस दिन श्रीधर और देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता है कि जो साधक इस दिन व्रत रखता है और सच्चे मन से पूजा-पाठ करता है. उसकी सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है. वहीं इस दिन तुलसी से जुड़े कुछ उपाय करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता आती है|

वरुथिनी एकादशी कब है: वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख माह कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल को 4 बजकर शाम 4 बजकर 43 मिनट पर होगी. वहीं तिथि का समापन 24 अप्रैल को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, वरुथिनी एकादशी के व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा| वरुथिनी एकादशी पर करें तुलसी के ये उपाय: एकादशी तिथि पर तुलसी का पौधा घर लाना या लगनान शुभ माना जाता है. ऐसे में वरुथिनी एकादशी के दिन तुलसी का पौधा लगाना चाहिए. इससे जीवन में चल रही परेशानियों को धीरे-धीरे अंत होने लगता है. वहीं घर में तुलसी के पौधे को उत्तर-पूर्व दिशा में लगाएं|

तुलसी पूजन: वरुथिनी एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें. तुलसी के पौधे में जल अर्पित करें. फिर उसके सामने घी का दीपक जलाएं. तुलसी मंत्र का जाप करें. ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर हो जाती है. साथ ही रुके हुए काम भी पूरे हो जाते हैं| पूजा में तुलसी का उपयोग: वरुथिनी एकादशी के दिन भोग में तुलसी दल का इस्तेमाल जरूर करें. इससे साधक को रोग दोष से छुटकारा मिलता है. साथ ही किसी तरह की अड़चन नहीं झेलनी पड़ती है|

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